हैल्लो दोस्तों, आज की हमारी पोस्ट लीडर और बॉस में अंतर सभी लोगों को लीडर और बॉस में अंतर करना सीखने के लिए हैं, अगर आप भी इस अंतर को जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट से आपको लीडर और बॉस के बीच अंतर करने में मदद मिलेंगी :-

लीडर और बॉस में अंतर
* लीडर की परिभाषा :-
किसी भी संगठन को सुचारू रूप से नेतृत्व प्रदान करने वाले व्यक्ति को एवं संगठन में स्वयं के कार्यो का योगदान देने वाले व्यक्ति को लीडर कहा जाता हैं | लीडर का कार्य संगठन को सही दिशा निर्देश के साथ नियंत्रण में रखना जरूरी हैं |
किसी भी संगठन का मालिकाना हक रखने वाले व्यक्ति को बॉस कहा जाता हैं, यह जरूरी नहीं की हर संगठन का बॉस उसमे कार्यरत हो | बॉस एक लीडर की तरह भी कार्यरत हो सकते हैं |
लीडर और बॉस में अंतर :-
(1) संगठन का मालिकाना हक :-
* लीडर संगठन पर मालिकाना हक नहीं रखता हैं |
* बॉस का संगठन में मालिकाना हक होता हैं |
* लीडर का कार्य संगठन का नेतृत्व करना होता हैं |
* बॉस स्वयं की इच्छा पर संगठन का नेतृत्व कर सकता हैं |
* लीडर का कर्तव्य संगठन को दिशा प्रदान करते हुए संगठन के समस्त कार्यो को पूर्ण करना होता हैं |
* बॉस का कर्तव्य अपने सभी कर्मचारियों को सही समय पर भुगतान करना एवं उनकी जरूरतों को पूरा करना होता हैं |
* लीडर का संगठन के लाभांश पर कोई हक नहीं होता हैं, किन्तु अगर संगठन एक कम्पनी के रूप में हैं, और लीडर के पास कम्पनी के शेयर होने पर वह लाभांश का अधिकारी होता हैं |
* बॉस का संगठन के लाभांश पर पूर्ण अधिकार होता हैं, और बॉस स्वयं की इच्छा पर बोनस के रूप में लाभांश को अपने कर्मचारियों में भी बांट सकता हैं |
(5)
संगठन बंद करने की शक्ति :-
* लीडर के पास संगठन को बंद करने की शक्ति नहीं होती हैं, संगठन में कई लीडर हो सकते हैं |
* बॉस के पास संगठन को बंद करने की शक्ति होती हैं, जहाँ एक से अधिक बॉस होते हैं, वहाँ सर्व सहमति से संगठन को बंद किया जा सकता हैं |
(6)
कर्मचारी और अनुयायी :-
* लीडर अपनी काबलियत के दम पर संगठन में अपने अनुयायी बनाता हैं |
* संगठन में कार्यरत समस्त व्यक्ति बॉस के कर्मचारी होते हैं |
आज की हमारी पोस्ट लीडर और बॉस में अंतर आप सभी को कैसी लगी इसके लिए comment करे, अगर आप को मेरी पोस्ट पसंद आती हैं तो इसे Share करना न भूले और मेरे उत्साह को बढ़ाने मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे |”धन्यवाद“
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